Sunday, October 19, 2008

ये है जे.एन.यू. !!!!

सत्तर के दशक में जब जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने अपने द्वार शिक्षकों एवं छात्रों के लिए खोले तो वह समय भारतीय विश्वविद्यालय तंत्र में पुराने विषयों के ऊपर नए विषयों एवं नए दृष्टिकोण को स्थापित करने का था । ज.ने.वि. एक ऐसा आधुनिक गुरुकुल है, जहां आने के बाद व्यक्ति का प्रकृति एवं उसकी संतति से तादात्म्य हो जाता है । इस विश्वविद्यालय की कतिपय विशेषताएं निम्न हैं-->

* इस विश्वविद्यालय में शिक्षक एवं छात्र का अनुपात 01:10 है ।
* यहां इस बात पर जोर दिया जाता है कि छात्र अपनी रचनात्मक क्षमता का अधिकतम प्रयोग करें ।
* अन्य विश्वविद्यालयों से यह परीक्षा-पद्धति के मामले में बिल्कुल अलग । यहां की परीक्षा-पद्धति में "बाह्य-परीक्षण" का कोई स्थान नहीं है । जो शिक्षक छात्र को पढ़ाता है वही शिक्षक प्रश्न-पत्र का भी निर्माण करता है, और वही अध्यापक आपके प्रश्न-पत्र की भी जांच करता है ।

यह वह विश्वविद्यालय है जहां आप दो विरोधाभासी चीजें एक साथ होते देख सकते हैं । यथा- जो व्यक्ति कुछ देर पहले तक "बाल-मजदूरी" पर लम्बी-लम्बी बातें करता होगा, कुछ देर बाद ढाबे पर काम करने वाले चौदह वर्षीय बालक को चाय हेतु पुकारता मिलेगा । 

अब बात करते हैं, जे.एन.यू. की प्राकृतिक सुंदरता की । यह विश्वविद्यालय अरावली पर्वत-शृंखला पर लगभग एक हजार एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है । जिसमें से अधिकांशतः क्षेत्र पहाड़ी जंगलों से भरे पड़े हैं । यहां के जंगल में आप गुफाएं भी प्राप्त कर सकते हैं । जानवरों में आप नीलगाय, सियार इत्यादि को सामान्यतया देख सकते हैं । भारत का राजकीय पक्षी "मोर" तो आपको हर जगह मिल सकते हैं । यह भी हो सकता है कि कोई मोर आपके छात्रावास-कक्ष के बालकनी में भी दिख जाए ।

जे.एन.यू. ऐसी जगह है जहां आपको "लघु भारत" का दर्शन हो सकता है । अनेक भाषा, प्रान्त, जाति, धर्म वाले छात्रों का समाज है यह । किन्तु इसकी खासियत यह है कि इतनी विभिन्नता के बावजूद किसी भी छात्र को दूसरे से कोई परेशानी नहीं है । यहां शारीरिक हाथापाई को अभद्रता का द्योतक माना जाता है । आपकी शक्ति का लोहा आपकी तार्किकता से मानी जा सकती है ।

इस विश्वविद्यालय की एक खासियत है इसका समानतावादी दृष्टिकोण । अस्तु, जे.एन.यू. के बारे में विशेष जानकारी के लिए यहां क्लिक कर सकते हैं ।

7 comments:

Aruna Kapoor said...

Aapaki yatra nirantar chalati rahe aur safal rahe!...shubhakaamana!

संगीता पुरी said...

नए चिट्ठे के साथ आपका स्वागत है....हिन्दी ब्लागिंग की इस दुनिया में उम्मीद है कि आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी ब्लागिंग जगत को मजबूती देंगे।

लोकेश Lokesh said...

हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका हार्दिक स्वागत है.

shama said...

Swagat hai...JNU ke baareme hamesha achha suna tha...aaj kuchh adhik achha padhneko mila...badhai ho..
Zaroor padharen merebhee blogpe...JNU ki to nahee par PUNE Universityki widyrthinee reh chukee hun..!
Pls word verification hata den...ham zyada comment de payenge..abhihi do comment reject ho gaye..

Udan Tashtari said...

हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है. नियमित लेखन के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाऐं.

वर्ड वेरिपिकेशन हटा लें तो टिप्पणी करने में सुविधा होगी. बस एक निवेदन है.

तरीका महाचिट्ठाकार शास्त्री जी ने बता ही दिया है हटाने का.

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

meri bhee shubkamnayen le hee lo

sudhakarprashant said...

प्रोत्साहित करने के लिए आप सबका धन्यवाद.
शास्त्री जी और अन्य चिट्ठाकारों के सलाह पर "शब्दजांच" वाला विकल्प निरस्त कर दिया है ।
आगे भी आप सबका प्रोत्साहन मिलता रहेगा...
इसी आशा के साथ...